जैसा कि पहले भगवान विष्णु जी 24 में से 15 अवतारो का वर्णण किया हैं, बाकि के अवतारो का वर्णन आज यहाँ करने जा रहा हूँ।
नरसिंह अवतार :- नरसिंह विष्णु का आधा शेर और आधा मानव अवतार है। धर्म ग्रंथों के अनुसार दैत्यों का राजा हिरण्यकश्यप स्वयं को भगवान से भी अधिक बलवान मानता था। उसे बह्ममा जी से वरदान प्राप्त था कि उसे कोई भी मनुष्य, देवता, पक्षी, पषु, न दिन में, न रात में, न धरती में, न आकाष में, न अस्त्र से, न शस्त्र से मार सकता था। उसके राज्य में जो भी भगवान विष्णु की पुजा करता उसे वो दण्ड देता। उसके पुत्र का नाम प्रहृाद था।
प्रहृाद बचपन से हि भगवान विष्णु का बडा भक्त था। यह बात जब हिरण्यकश्यप को पता चली तो वह कोधित होकर अनेको बार दण्ड देने का प्रयास किया पर भगवान विष्णु के कृपा से कुछ न होने के कारण वह स्वयं मारने का प्रयास किया तभी भगवान विष्णु ने नरसिंह के रूप में अवतार लिया, जिसमें उनका ऊपरी शरीर एक शेर के रूप में था और निचला इंसान के समान था। इस अवतार में भगवान विष्णु ने प्रह्लाद को उनके पिता हिरण्यकश्यप राक्षस से रक्षा की। उन्होंने हिरण्यकश्यप को अपने पंजे से काटकर वध कर दिया।
वामन अवतार:- वामन एक ब्राह्मण थे। सत्ययुग में जब दैत्यराज बलि, ने पूरी तीनों लोकों को कब्जा कर लिया था। देवताओं का स्वर्ग पर पुनः नियंत्रण पाने के लिए, भगवान विष्णु ने एक बौने ब्राह्मण (वामन) के रूप में अवतार लेकर बली के पास गये। राजा बलि बहुत हि दानवीर था। भगवान विष्णु वामन के रूप में जाकर राजा बलि से तीन पगा भूमि की मांग की, जब बलि सहमत हुए, तो उन्होंने अपने रूप को एक छोटे बौने से एक विशालकाय में बदल दिया। इसके परिणामस्वरूप उन्होंने अपने दो कदमों में सभी तीन लोकों को नाप लिया और तीसरा पग राजा के सर पर रख दिया। इस तरह, उन्होंने देवताओं के लिए स्वर्ग पुनः प्राप्त किया।
परशुराम अवतार:- धर्म ग्रंथो के अनुसार परशुराम भगवान विष्णु के प्रमुख अवतारो में से एक हैं। परशुराम एक क्षत्रिय ब्राह्मण हैं। उनके पिता का नाम जमदग्नि तथा माता का नाम रेणुका था। उन्हें एक कुलीन संत के रूप में चित्रित किया जाता है, जिनके हाथ में एक फरसा होती है। उनका जन्म दुष्ट क्षत्रिय राजा के अत्याचार को समाप्त करने के लिए हुआ था, जो अपनी शक्तियों का दुरुपयोग करते थे और दूसरों के जीवन को दुखद बनाते थे।
श्री राम अवतार:- भगवान विष्णु का श्री राम अवतार हिन्दू धर्म में सबसे महत्वपूर्ण अवतारो (Vishnu Avatar) में से एक हैं। भगवान राम के पिता का नाम दषरथ एवं माता का नाम कौषल्या था। भगवान राम हिन्दू धर्म के प्रमुख महाकाव्य रामायण के प्रमुख पात्र हैं। इनका अवतरण का मुख्य उदेष्य राक्षस रावण का वध एवं राम राज्य ( जनता हर तरह से सुखी और समृद्ध थी, लोकतांत्रिक मूल्यों की रक्षा के लिए सबकुछ दांव पर देना एवं जीने का अधिकार और सुरक्षा-न्याय का अधिकार सभी को देना ) स्थपित करना था।
श्री कृष्ण अवतार:- भगवान कृष्ण श्री विष्णु का एक और प्रमुख रूप हैं। भगवान कृष्ण के पिता का नाम वासुदेव एवं माता का नाम देवकी था। इनका जन्म कारागार में हुआ था। भगवान कृष्ण ने अपने अत्याचारी मामा कंस का वध किया, और महाभारत में पांडवों के सलाहकार और अर्जुन के सारथि बने और संसार को गीता का ज्ञान दिया।
गौतम बुद्ध:- बुद्ध लुम्बिनी में सिद्धार्थ गौतम के रूप में जन्मे थे, जो बाद में गौतम बुद्ध के रूप में प्रसिद्ध हुए, जिन्होंने अपने परिवार और सभी सामग्री को छोड़कर बोधि की खोज में निकले। उन्होंने बौद्ध धर्म की स्थापना की और लोगों को उच्च आठ आदर्श पथ के माध्यम से सभी प्रकार के पीड़ा को समाप्त करने के तरीके सिखाए।
कल्कि अवतार:- कल्कि भगवान विष्णु (vishnu Avatar)का एकमात्र अवतार है जो अभी तक जन्म नहीं हुआ है। धर्म ग्रंथों के अनुसार कलयुग में भगवान विष्णु कल्कि रूप् में अवतार लेंगे। यह अवतार 64 कलाओं से युक्त होगा। कहा जाता है कि इनका जन्म षंभल नामक स्थान पर विष्णुयषा नामक तपस्वी ब्राह्मण के घर पर होगा। कल्कि देवदत नामक घोडे पर सवार होकर संसार से पापियों का विनाष कर धर्म की पुनः स्थापना करेगें।
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