Diwali 2025

By Sanatan

Updated on:

DIWALI 2025

दिवाली / दीपावली ( Deepawali/ Diwali)

दीपावली, जिसे दीपों का त्योहार भी कहा जाता है, भारत का सबसे महत्वपूर्ण त्योहारो में से है। यह त्योहार हर साल कार्तिक मास की अमावस्या को मनाया जाता है, जो आमतौर पर अक्टूबर या नवंबर के महीने में पड़ता है। दीपावली न केवल हिंदुओं के लिए बल्कि सिख, जैन और कुछ बौद्ध समुदायों के लिए भी विशेष महत्व रखता है।

दीपावली कब हैं ? / When is Diwali ?

इस साल दिवाली 22 October 2025 को मनाई जाएगी।

Diwali 2025 Countdown

Diwali 2025 Countdown

Counting down to the Festival of Lights:

How many days left for Diwali?

Diwali in 2025 will be celebrated on October 22nd. Our countdown shows the time remaining until the joyous celebrations begin.

Let’s celebrate light, prosperity, and the triumph of good over evil!

दीपावली / दिवाली का इतिहास और महत्व

दीपावली का इतिहास प्राचीन भारतीय पौराणिक कथा त्रेता युग के रमायण से जुड़ा हुआ है, कहा जाता है कि दीपावली के दिन अयोध्या के राजा राम अपने चौदह (14) वर्ष के वनवास के पश्चात लौटे थे। अयोध्यावासियों का हृदय अपने प्रिय राजा के आगमन से हर्षित हो उठा था। श्री राम के स्वागत में अयोध्यावासियों ने घी के दीपक जलाए। कार्तिक मास की सघन काली अमावस्या की वह रात्रि दीयों की रोशनी से जगमगा उठी। तब से आज तक भारत के लोग प्रति वर्ष यह प्रकाश-पर्व हर्ष और उल्लास के साथ मनाते हैं।

दीपावली / दिवाली की तैयारियाँ

दीपावली की तैयारियाँ त्योहार से कई दिन पहले ही शुरू हो जाती हैं। लोग अपने घरों की साफ-सफाई करते हैं, नए कपड़े और सामान खरीदते हैं, और घर को सजाने के लिए रंगोली बनाते हैं। बाजारों में विशेष दीपावली मेले लगते हैं, जहाँ लोग मिठाइयाँ, सजावट का सामान, और पटाखे खरीदते हैं।

दीपावली के पांच दिन

  • धनतेरस (धन त्रयोदशी) यह दीपावली का पहला दिन है जब लोग सोना, चांदी और बर्तन खरीदते हैं। इस दिन माता लक्ष्मी और धन्वंतरि की पूजा की जाती है।
  • नरक चतुर्दशी (छोटी दीवाली) – इस दिन भगवान कृष्ण द्वारा नरकासुर के वध की खुशी मनाई जाती है। लोग तेल से स्नान करते हैं और दीप जलाते हैं।
  • दीपावली (मुख्य दिन) – यह दीपावली का मुख्य दिन है जब माता लक्ष्मी और गणेश जी की पूजा की जाती है। घरों को दीपों से सजाया जाता है।
  • गोवर्धन पूजा (अन्नकूट) – इस दिन भगवान कृष्ण के गोवर्धन पर्वत उठाने की कथा को याद किया जाता है।
  • भाई दूज (यम द्वितीया) – यह दिन भाई-बहन के प्रेम को समर्पित है। बहनें अपने भाइयों की आरती करती हैं और उनकी लंबी आयु की कामना करती हैं।

निष्कर्ष

दीपावली भारतीय संस्कृति का एक अभिन्न हिस्सा है। यह त्योहार हमें याद दिलाता है कि अंधकार पर प्रकाश की, बुराई पर अच्छाई की हमेशा जीत होती है। यह हमें एकता, प्रेम और सद्भावना का संदेश देता है। दीपावली न केवल एक धार्मिक उत्सव है, बल्कि यह हमारी समृद्ध सांस्कृतिक विरासत का प्रतीक भी है। आइए, इस दीपावली हम सभी मिलकर प्रकाश और खुशियों को अपने जीवन में आमंत्रित करें और एक नई शुरुआत करें।

Leave a Comment