Kshama Prarthana

By Sanatan

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Kshama prarthana

Kshama Prarthana हिन्दी अनुवाद के साथ.

हे परमेश्वरि परम भगवती रात और दिन मेरे द्वारा सहस्त्र अपराध हुआ करते है ।
मेरा यह दास है ( में आपका दस हुँ ) ऐसा समझकर तुम मुझ पर कृपा करके मेरे अपराधों को क्षमा करो ।

ना में आवाहन करना जानता हुँ, ना में विसर्जन करना जनता हुँ
ना पूजा करना जानता हुँ, हे परमेश्वरि मेरे अपराधों को क्षमा करो ।

हे सुरेश्वरि मैंने जो मंत्रहीन ( ना में मंत्र को जानता हुँ ), क्रियाहीन ( ना में क्रियाओ को जानता हुँ )
भक्तिहीन ( ना में भक्ति के प्रकार को जानता हुँ ), पूजन किया है वो सब आपकी कृपा और दया से पूर्ण हो।

सौ प्रकार के अपराध करने के बाद भी भक्तगण, आपकी शरण में आकर सिर्फ जगदम्बा
बोलकर भी गति को प्राप्त करते है, उसे ब्रह्मा आदि देवगण भी प्राप्त करने में असमर्थ है ।

जगदम्बिके मैं अपराधी हूँ , किंतु तुम्हारी शरणमें आया हूँ ।
इस समय दयाका पात्र हूँ । तुम जैसा चाहो , वैसा करो।।

देवि ! परमेश्वरी ! अज्ञान से , भूल से अथवा बुद्धि भ्रान्त होने के कारण मैंने जो न्यूनता या अधिकता कर दी हो , वह सब क्षमा करो और प्रसन्न होओ।।

सच्चिदानन्दस्वरूपा परमेश्वरि ! जगन्माता कामेश्वरि ! तुम प्रेमपूर्वक मेरी यह पूजा स्वीकार करो और मुझपर प्रसन्न रहो।।

देवि ! सुरेश्वरि ! तुम गोपनीय से भी गोपनीय वस्तु की रक्षा करनेवाली हो । मेरे निवेदन किये हुए इस जपको ग्रहण करो । तुम्हारी कृपा से मुझे सिद्धि प्राप्त हो।।

डिसक्लेमर- इस लेख में निहित किसी भी जानकारी/सामग्री/गणना की सटीकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों से संग्रहित कर ये जानकारियां आप तक पहुंचाई गई हैं। हमारा उद्देश्य महज सूचना पहुंचाना है, इसके उपयोगकर्ता इसे महज सूचना समझकर ही लें। इसके अतिरिक्त, इसके किसी भी उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता की ही रहेगी।

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